लोगों की राय

नई पुस्तकें >> रंगमंच की कहानी

रंगमंच की कहानी

देवेन्द्र राज अंकुर

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2021
पृष्ठ :316
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 17109
आईएसबीएन :9789390678754

Like this Hindi book 0

विश्व रंगमंच की समेकित और सर्वांगीण यात्रा

यह सही है कि पिछले तीन हज़ार से पाँच हज़ार वर्षों के बीच अलग-अलग देशों में जिस रंगमंच की परम्परा का जन्म, आरम्भ और विकास हुआ, वह कई मायनों में यदि एक समानता लिए हुए है तो अपनी-अपनी विशिष्ट भौगोलिक व ऐतिहासिक परिस्थितियों के कारण उसमें एक-दूसरे से बहुत से अलगाव भी दिखायी पड़ते हैं। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि रंगमंच के इस इतिहास की कहानी को कैसे प्रस्तुत किया जाये। एक विकल्प तो यह हो सकता है कि अलग-अलग देशों में जिस तरह भी रंगमंच की शुरुआत हुई, उसे अलग-अलग अध्यायों में आरम्भ से लेकर आज तक अध्ययन के दायरे में लाया जाये। उदाहरण के लिए भारत का रंगमंच, यूनान का रंगमंच, रोमन रंगमंच, चीन का रंगमंच, जापान का रंगमंच, पश्चिम का मध्यकालीन रंगमंच, इंग्लैंड का एलिज़ाबेथकालीन रंगमंच, फ्रांस का रंगमंच, रूस का रंगमंच इत्यादि।

दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि आज तक मुख्य रूप से जितने प्रकार के रंगमंच से हम रू-ब-रू होते रहे हैं एक-एक शीर्षक के अन्तर्गत सभी देशों के उससे मिलते-जुलते रंगमंच को एक साथ समेट लिया जाये। यदि हम शास्त्रीय रंगमंच जैसा एक शीर्षक चुन लें तो उसके अन्तर्गत उप-शीर्षकों के रूप में भारत, जापान, चीन, यूनान, रोम के रंगमंच की कहानी को ले लिया जाये। हमारे विचार में उपर्युक्त सभी विकल्पों को अलग-अलग न रखते हुए यदि हम एक समन्वित शुरुआत करें तो शायद वह रास्ता ज़्यादा सहज और स्वाभाविक लगेगा। हम कहना यह चाहते हैं कि हम अलग-अलग आलेखों में एक-एक देश की रंगयात्रा को शुरू से लेकर आज तक पूरा करने की कोशिश करें और उसी में जहाँ ज़रूरत हो, किसी व्यक्ति विशेष अथवा धारा विशेष को अलग से रेखांकित किया जाये।

– इसी पुस्तक से

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book